कुछ यादें गुज़रे हुए पलों की .......

Wednesday 3 April 2013

 इश्क की बारिश 

ये मुहब्बत की बात है मेरे रहबर,
संभालो तो बहकती है, संवारो तो महकती है।

कोई कोयल जरूर बैठी होगी कभी मेरी छत पे,
इसीलिए आज तेरी इश्क की घटायें इस तरह बरसती हैं ||

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